Trusted Bull Auction (फोटो साभार- सोशल मीडिया)
Trusted Bull Auction (फोटो साभार- सोशल मीडिया)
तैयब मेहता की 'ट्रस्टेड बुल' नीलामी: भारतीय कला के इतिहास में एक नया अध्याय तब लिखा गया जब प्रसिद्ध चित्रकार तैयब मेहता की दुर्लभ पेंटिंग 'ट्रस्टेड बुल' ने नीलामी में 61.80 करोड़ रुपये में बिककर सभी को चौंका दिया। यह भारतीय कला बाजार में अब तक की दूसरी सबसे महंगी नीलामी पेंटिंग बन गई है, जो मेहता की कला की गहराई और उनके भावनात्मक अभिव्यक्ति को दर्शाती है।
तैयब की इस पेंटिंग की सफलता केवल उनके व्यक्तिगत करियर की उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि भारतीय कला अब वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना रही है। इस नीलामी में अन्य कलाकारों की कृतियों ने भी अपेक्षा से अधिक कीमतें प्राप्त कीं, जो यह संकेत देती हैं कि कला संग्राहकों और निवेशकों की रुचि अब भारतीय आधुनिक कला में बढ़ रही है।
यह नीलामी 2 अप्रैल 2025 को मुंबई में सफरॉनआर्ट द्वारा आयोजित की गई थी, जो उनकी 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर हुई। इस आयोजन में आधुनिक भारतीय कला की कई दुर्लभ और ऐतिहासिक कृतियां प्रदर्शित की गईं। आइए इस ऐतिहासिक नीलामी के बारे में विस्तार से जानते हैं:-
कलाकार की विरासत
कलाकार और उनकी विरासत
भारतीय आधुनिक कला के प्रमुख चित्रकार तैयब मेहता का जीवन और उनकी कलाकृतियां भारतीय कला जगत में महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं। उनका जन्म 26 जुलाई 1925 को गुजरात के कपूरथला में हुआ था, और उन्होंने मुंबई के जे.जे. स्कूल ऑफ आर्ट से शिक्षा प्राप्त की।
तैयब मेहता न केवल एक चित्रकार थे, बल्कि मूर्तिकला और फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भी अपनी छाप छोड़ चुके हैं। वह 'बॉम्बे प्रोग्रेसिव आर्टिस्ट्स ग्रुप' के संस्थापक सदस्यों में से थे, जिसमें एमएफ हुसैन, एसएच रज़ा और राम कुमार जैसे कलाकार शामिल थे। उनकी कला में आधुनिकता, प्रतीकात्मकता और बंगाल की कलाकारी का सम्मिश्रण देखने को मिलता है।
पेंटिंग की प्रेरणा "ट्रस्टेड बुल" की प्रेरणा और विशिष्टता
इस पेंटिंग की प्रेरणा मिस्र के ब्रिटिश संग्रहालय में रखी एक मूर्ति से मिली थी। 'ट्रस्टेड बुल' नामक इस चित्र में एक लेटा हुआ, बंधा हुआ बैल दर्शाया गया है, जो गहरे रंगों और पीड़ा की अभिव्यक्ति से सजी है। तैयब ने इसे 1956 में अपने लंदन निवास में तैयार किया था और इसके लिए ऑयल पेस्टल तकनीक का प्रयोग किया था। यह चित्र न केवल तकनीकी दृष्टि से परिपूर्ण है, बल्कि मानवीय संवेदना की गहराई को भी दर्शाता है।
नीलामी का महत्व नीलामी का आयोजन और ऐतिहासिक मूल्य
2 अप्रैल, 2025 को मुंबई में आयोजित एक प्रतिष्ठित नीलामी में इस पेंटिंग ने 61.80 करोड़ रुपये की कीमत हासिल की। यह इसकी पूर्वानुमानित कीमत से काफी अधिक थी। इसने एमएफ हुसैन की 100 करोड़ में बिकी 70 साल पुरानी पेंटिंग के बाद दूसरा स्थान प्राप्त किया, जिसने हाल ही में सबसे महंगी भारतीय पेंटिंग का रिकॉर्ड बनाया था।
कलाकृति और कलाकार के अनुभव कलाकृति और कलाकार के निजी अनुभव
इस पेंटिंग की गहराई को समझने के लिए तैयब मेहता के जीवन के कुछ अनुभवों को जानना आवश्यक है। एक बार उन्होंने बताया था कि उन्होंने कॉलेज के दिनों में मिस्र की मूर्ति देखी थी, जिसने उन्हें गहराई से प्रभावित किया। मुंबई के बूचड़खानों में जानवरों के प्रति होने वाले क्रूर व्यवहार ने उनकी संवेदनशीलता को झकझोरा। उन्होंने कहा था, "लोग जानवरों को बेरहमी बांधते हैं, उन्हें ज़मीन पर काटने के लिए फेंक देते हैं। यह दृश्य दिल को चीर देता है।"
इसके अलावा, जब तैयब मात्र 20 वर्ष के थे, तब उन्होंने भारत-पाक विभाजन के दौरान एक व्यक्ति को उनके घर के सामने बेरहमी से मारा जाते देखा था। यह त्रासदी उनके ज़ेहन में हमेशा के लिए दर्ज हो गई और उनकी कलाकृतियों में यह पीड़ा, असहायता और सामाजिक हिंसा की प्रतिध्वनि बनकर उभरी।
अन्य प्रमुख कलाकृतियां तैयब मेहता की अन्य प्रमुख कलाकृतियां और नीलामियां:
1. 'काली' (1989): यह पेंटिंग देवी काली के उग्र रूप को दर्शाती है। 2018 में सैफरन आर्ट की नीलामी में यह कलाकृति 26.4 करोड़ में बिकी, जो उस समय तैयब सर्वोच्च मूल्य था।
2. 'महिषासुर' (1997):इस पेंटिंग में देवी दुर्गा और महिषासुर के संघर्ष को आधुनिक दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया गया है। यह कलाकृति 2005 में 10 करोड़ में बिकी, जो उस समय भारतीय कला बाजार में एक महत्वपूर्ण घटना थी।
3. 'बुल ऑन रिक्शा' (1999):यह पेंटिंग 2022 में सैफरनआर्ट की नीलामी में 41.9 करोड़ में बिकी, जो तैयब मेहता की सबसे महंगी बिकने वाली पेंटिंग बनी।
4. 'दुर्गा महिषासुर मर्दिनी' (1993):यह पेंटिंग 2018 में सोथबी की मुंबई नीलामी में 20 करोड़ में बिकी।
तैयब मेहता की कला में सरल रेखाएं, जीवंत रंग और विभाजन के अनुभवों से उपजी भावनाएं स्पष्ट रूप से दिखाई देती हैं। उनकी पेंटिंग्स में मानवीय संघर्ष, पीड़ा और अस्तित्व के प्रश्नों को गहराई से उकेरा गया है।
You may also like
कपड़े उतरवाने के लिए माधुरी के पीछे पड़ा था ये डायरेक्टर। नाम जानकार रह जाओगे हैरान ⁃⁃
श्रीकृष्ण की नारायणी सेना कौरवों की तरफ से क्यों लड़ी थी? वहज जानकर होगी हैरानी ⁃⁃
BPSC Recruitment 2025: Apply for 1700 Teaching Jobs Without Exam Before May 7
नौ लोगों को जयपुर में एसयूवी ने रौंदा, दो की मौत, सात घायल
CID-CB के सामने के पेश होकर डोटासरा-जूली ने भाजपा पर बोला बड़ा हमला, इन तीन नेताओं पर लगाए सनसनीखेज आरोप